बुधवार, 18 जून 2008

सम्मानःदिल्ली की मेयर आरती मेहरा ने रोहिणी में दिया सम्मान


श्री गणेशाय नमः...

ब्लाग पर अपने विचार रखने का का विचार तो काफी दिनों से था क्योंकि पत्रकार के रूप में हम जो कुछ भी लिखते हैं वहां लिखने की आजादी व्यवसायिकता के मानक में होती है. आप सदैव व्यापारी नहीं बने रह सकते हैं. दिल में तमाम विचार होते हैं जिन्हें आप कहना चाहते हैं. उन्हें दूसरों के सामने रखना चाहते हैं, इसी कमी को पूरा करने के लिए हम ब्लाग की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं. यह साहस इसलिए भी सच्चाई बन पाया क्योंकि नेट की दुनिया में अब हमें अपनी भाषा के इस्तेमाल की आजादी मिलने लगी. आंग्ल भाषा में हम बात तो कह लेते हैं किंतु विचार व्यक्त करना वहां कई बार हास्यास्पद हो जाता है.कोशिश होगी कि यहां जो लिखूं लिखूं दिल से लिखू. आमीन...