मंगलवार, 4 अगस्त 2009

यात्रा की चित्रकथा

चित्र कथा --कारू कस्बे के निकट सिंधु नदी के तट पर खड़ा लेखक। ढलते सूरज की कमजोर किरणें पूरे वातावरण को रहस्यमयी बना देती हैं।


चित्र कथा--स्कार्पियों गाड़ियों का काफिला जिसमें हम भी सवार थे।


चित्र कथा--लद्दाख के रहस्यमय पहाड़ जो किसी को भी बरबस आकर्षित कर लेते हैं।


चित्र कथा--लेह स्थित होटल नामग्याल पैलेस, जहां छह दिन ठहरी थी हमारी टीम।